कहीं, कोरोना की कराह, असमय मृत्यु की आह, कहीं रोजगार की आस में भटकती राह! कहीं, कोरोना की कराह, असमय मृत्यु की आह, कहीं रोजगार की आस में भटकती राह!
राष्ट्रीय प्रेस दिवस की रक्षा करने का संकल्प कीजिए। राष्ट्रीय प्रेस दिवस की रक्षा करने का संकल्प कीजिए।
करता रहा गर यूं मनमानी, अस्तित्व होगा फिर संकट में, स्वार्थ और अहम में आकर, करता रहा गर यूं मनमानी, अस्तित्व होगा फिर संकट में, स्वार्थ और अहम में आकर...
जो त्योहारों पर भी जाने नहीं देते, ऐसे देश के गद्दारों को। जो त्योहारों पर भी जाने नहीं देते, ऐसे देश के गद्दारों को।
अकेली मैं अकेले तुम दोनों साथ हो तो प्यार का मौसम आ जाएगा। अकेली मैं अकेले तुम दोनों साथ हो तो प्यार का मौसम आ जाएगा।
नेक इंसान बनकर हम राष्ट्र की अस्मिता बढ़ाए। नेक इंसान बनकर हम राष्ट्र की अस्मिता बढ़ाए।